Monday, March 14, 2016-12:35 PM
जालंधर: वैज्ञानिक टेक्नोलॉजी की मदद से आगे बड़ते हुए नई-नई डिवाइसिस का आविष्कार कर उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं। हाल ही में HRL लैबोरेट्रीज जो (मालिबू कैलिफ़ोर्निया) में स्थित है, इसकी न्यूरोसाइंटिस्ट टीम ने एक नई तकनीक की कैप विकसित की है। यह कैप किसी टास्क को आसानी से सीखने और बीमारी का बिना ऑपरेशन किए इलाज करने में मदद करेगी। एक प्रेस रिलीज़ के अनुसार इसकी डिवेल्पर टीम ने 6 कमर्शियल और मिलिट्री पायलट्स की ब्रेन एक्टिविटी को माप कर पैटर्न्स बनाए जिनको फलाइट सिम्युलेटर की मदद से अन्य पायलेट्स को एयरोप्लेन सिखाने में मदद की जाएगी।
इस नई तकनीक को ब्रेन-बूस्टिंग (Brain-Boosting) नाम दिया गया है जो TDCS (transcranial direct current stimulation) पर काम करती है। इसमें कुछ तारों का यूज़ किया गया जो 9 वोल्ट की बैटरी से पॉवर लेकर काम करती है। यह TDCS तकनीक दिमाग की सेलेक्ट किए गए एरिया पर ही ब्रेन इलेक्ट्रिकल फील्ड बनाकर काम करेगी जिससे डिप्रेशन और क्रोनिक पेन का इलाज भी किया जाएगा साथ ही यह पार्किंसन्स डिसीज़ के लक्षणो को भी शो करेगी।
इस कैप को लेकर HRL लैबोरेट्रीज का कहना है कि यह लर्निंग और मैथ स्किल्स को बूस्ट करवाने में भी मदद करेगी। Dr. Flavio Frohlich जो यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना के नेउरोबिओलॉजिस्ट है और TDCS तकनीक को पूर्ण रूप समझते है, इन्होंने कहा कि इस तकनीक से बिना किसी सर्जरी की आवश्यकता के इलाज भी किया जाएगा जो जोखिम को काफी कम कर देगा।