Thursday, July 14, 2016-3:17 PM
बोस्टन : भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक के नेतृत्व में हुए एक नए अध्ययन के अनुसार, पृथ्वी के आस पास छोटे, जूतों के डिबे के बराबर आकार के उपग्रह पारंपरिक उपग्रहों की तुलना में दोगुना सटीक तरीके से ग्रह की प्रतिबिंबित उर्जा का आकलन कर सकते हैं और जलवायु पूर्वानुमान में असरदार तरीके से सुधार कर सकते हैं।
शोधकर्ताओं ने कहा कि अगर इसे सही तरीके से किया जाता है तो ऐसे उपग्रह बनाने, प्रक्षेपित करने ताथा रखरखाव में सस्ते हो सकते हैं। ‘मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान’ के पूर्व स्नातक छात्र श्रीजा नाग के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने नौ सेंसरों के साथ अकेले बड़े उपग्रह के काम की तुलना पृथ्वी के आस-पास एक-साथ उड़ रहे आठ छोटे सेंसर उपग्रहों के समूह से की और फिर वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे।