यह रोबोट समुद्र में उन गहराइयों तक ले जाएगा जहां इंसान का पहुंचना है नामुमकिन

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Friday, April 29, 2016-10:44 AM

जालंधर : ऑक्सीजन टैंक और बढिय़ा इक्विपमैंट्स के साथ हम समुद्र की गहराइयां छान सकते हैं, पर सिर्फ एक हद तक। इंसान हर बार अपनी हद को बढ़ाने की कोशिश में कुछ न कुछ करता ही रहता है। चाहे वह धरती से बाहर इंसान को भेजना हो या विशाल समुद्र की गहराई को मापना हो। इसी तरह ही स्टैनफोर्ड यूनिवॢसटी के रिसर्चरों ने हैप्टिक फीडबैक टैक्नोलॉजी, आर्टीफीशियल इंटैलीजैंस के साथ एक ह्यूमनॉयड डाइविंग रोबोट तैयार किया है। यह रोबोट पानी में बिल्कुल इंसान की तरह दिखता है और समुद्र की उन गहराइयों तक भी जा सकता है जो इंसान की पहुंच से कहीं दूर हैं।
Oceanone droid:
ओशनवन नाम का यह ड्रॉयड जो स्टैनफोर्ड यूनिवॢसटी के रिसर्चरों द्वारा तैयार किया गया है, इसका पहला समुद्री अभियान फ्रांस के समुद्री तट पर था जहां एक डूबे जहाज की छानबीन के दौरान इस ड्रॉयड ने 17वीं सदी का गुलदस्ता खोज लिया। अब शोधकर्त्ता इसके साथ और प्रोजैक्ट करने की तैयारी में हैं।
इंसानी डिजाइन ही क्यों :
हालांकि समुद्र में भेजने के लिए कई तरह के यंत्र बनाए गए हैं, जिनका डिजाइन जैलफिश, ईल और ऑक्टोपस जैसे समुद्री जीवों से प्रभावित है, पर स्टैनफोर्ड यूनिवॢसटी के रिसर्चरों का मानना है कि इंसानी रूप-रेखा समुद्र खोज मिशन के लिए सबसे अधिक कारगर है। इंसानी चेहरे की तरह इसके सिर में स्टीरियोस्कोपिक विज़न है और इसके अगले हिस्से में दो रोबोटिक हाथ हैं जो चीजें पकडऩे में लगभग इंसानी हाथ की तरह ही हैं। इस रोबोट की लम्बाई 5 फुट है और इसके बाकी पुर्जे जैसे 8 मल्टी-डायरैक्शनल थ्रस्टर, बैटरी और कम्प्यूटर इसके पिछली तरफ एक पूंछनुमा आकार में फिट किए गए हैं जिसके कारण इसे मर्मेड (जलपरी) का नाम भी दिया गया है। इसे रिमोट की सहायता से समुद्री सतह पर इंसान द्वारा आप्रेट किया जाता है।

स्टैनफोर्ड में कम्प्यूटर साइंस के प्रोफैसर ओसामा खतीब ने एक फिल्म का उदाहरण देते हुए कहा कि ओशनवन हमारा ‘अवतार’ हो सकता है। जो सैंसर ओशनवन में लगे हैं, वे इतने सैंसेटिव हैं कि जब इसके द्वारा पानी के अंदर कोई चीज पकड़ी जाती है तो इसे कंट्रोल करने वाला यह बता सकता है कि ओशनवन द्वारा पकड़ी गई चीज भारी है या हल्की। ओशनवन के पहले मिशन के समय ओसामा खतीब भी कंट्रोल को देख रहे थे और उन्होंने बताया कि ओशनवन ने 17वीं सदी में किंग लुई 14वें के डूबे जहाज की छानबीन की जो 328 फुट की गहराई में था। जिक्रयोग है कि इस जहाज को अभी तक किसी इंसान ने नहीं जांचा था। ओशनवन को एक महीने बाद स्टैनफोर्ड वापस लाया जाएगा ताकि इसमें और तकनीकी सुधार किए जाएं और  इसके  बाद  इस रोबोट को जापान के फुकुशिमा डिच्ची पावर प्लांट जैसे खतरनाक इलाकों में भी जांचा जाएगा।


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