Saturday, October 19, 2019-4:51 PM
गैजेट डेस्क : राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण एक गंभीर मुद्दा बनकर उभरा है। प्रदूषण पर नजर रखना बेहद जरूरी है ऐसे में आईआईटी दिल्ली में एक अहम आविष्कार किया गया है। दिल्ली आईआईटी की दो शोध छात्राओं ने एक अनोखा प्रदूषण मापक यंत्र तैयार किया है। इस यंत्र के जरिये प्रदूषण के नौ कारकों पर नजर रखी जा सकेगी। इसकी मदद से वातारण में मौजूद हानिकारक गैसें, पार्टिकुलेट मैटर (PM), तापमान और आद्रता की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। यह यंत्र 5G तकनीक से लैस है और यह सोलर पॉवर पर चलेगा। 5जी तकनीक होने के कारण इन रियल टाइम आंकड़ों को लोगों तक पहुँचाया जा सकेगा।
5G प्रदूषण मापक यंत्र की विशेषता
सोलर ऊर्जा से चलने वाले इस यंत्र को एक बार एक स्थान पर लगाने के बाद 5 साल तक इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस दौरान यंत्र को दोबारा चार्ज करने की जरूरत नहीं है। इस डिवाइस का नाम '5G इनेबल्ड एयर पॉल्यूशन मॉनिटरिंग टेस्ट बेड' है। वहीं यह यंत्र 5जी और NBIoT तकनीक पर काम करता है। इस यंत्र को विकसित करने वाली आईआटी दिल्ली की शोध छात्राओं पायली दास और सुष्मिता घोष ने एक समाचार-पत्र से बातचीत में बताया कि मौजूदा प्रदूषण मापक यंत्रो का रेट बहुत ज्यादा है।
मौजूदा प्रदूषण मापक यंत्र से है किफायती
एक डिवाइस को बनाने में कुल 60 हजार रुपये की लागत लगी जबकि इसे और कम करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीँ मार्किट में मौजूद पॉल्यूशन मॉनिटरिंग डिवाइस का दाम 90 हजार रुपये से शुरू होता है। ऐसे में यह प्रदूषण मापक एक किफायती और व्यापक डिवाइस के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके साथ ही यह साइज में बेहद छोटी है और कहीं भी ले जाई जा सकती है। बता दें कि इस यंत्र में चार सेंसर दिए गए हैं जिनकी मदद से जिस स्थान इसे लगाया गया है वहाँ के वातारण में मौजूद नाइट्रोजन डाइ ऑक्सइड, सल्फर डाई ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड और ओजोन गैस की मात्रा का पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा इस यंत्र से PM लेवल, तापमान और आद्रता का भी पता लगाया जा सकेगा। यह यंत्र इंस्टालेशन के स्थान से 100 मीटर के दायरे में प्रदूषण का माप कर सकेगी।
Edited by:Harsh Pandey