अब हैकर्स ने Artificial Intelligence के ज़रिये उड़ा डाले कंपनी के CEO से करोड़ो रुपये

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Tuesday, September 3, 2019-4:29 PM

गैजेट डेस्क : दुनिया ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी ने पिछले कुछ वर्षों में काफी प्रगति की है। यह धीरे-धीरे हमारे जीवन के हर हिस्से में अपनी जगह बना रहा है। जहां एक ओर यह तकनीक हमें बेहतर भविष्य की ओर ले जा रही है, वहीं दूसरी ओर इससे होने वाले नुकसान की खबरें भी आने लगी हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आजकल हैकर्स का सबसे पसंदीदा हथियार बना हुआ है। ऑनलाइन धोखाधड़ी के लिए हैकर्स बहुत चतुराई से इस तकनीक का उपयोग करते हैं। हाल ही में, एआई (Artificial Intelligence) की मदद से हैकर्स ने 2,43,000 डॉलर (लगभग 1.75 करोड़ रुपये) एक कंपनी के सीईओ से उड़ा लिए। 

 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से हैकिंग की पूरी स्टोरी 

 

Image result for hackers use ai to steal ceo

 

वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन धोखेबाजों ने एक जर्मन कंपनी के सीईओ की आवाज की नकल की और ब्रिटेन की एक कंपनी के सीईओ को धोखा दिया। रिपोर्ट के अनुसार यह घटना मार्च की है जब ब्रिटेन की एक ऊर्जा कंपनी के सीईओ को अपनी  पैरेंट कंपनी के सीईओ का फोन आया।
दरअसल, यह कॉल पैरेंट कंपनी के सीईओ ने नहीं, बल्कि धोखेबाजों ने AI की मदद से आवाज बदलकर की थी।

ब्रिटेन स्थित कंपनी के सीईओ को पता भी नहीं चल सका कि वह गलत आदमी से बात कर रहे थे। इसलिए उन्होंने इस फ्रॉड कॉल को व्यापारिक सौदा  मानकर हैकर्स द्वारा बताए गई राशि (लगभग 1.75 करोड़ रुपये) को हंगेरियन सप्लायर के खाते में ट्रांसफर कर दिया। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि हंगरी के बाद इन पैसों को अन्य देशों के साथ-साथ मेक्सिको में ट्रांसफर किया गया था। इतना ही नहीं इन धोखेबाजों ने सीईओ को एक घंटे में पैसे ट्रांसफर करने को कहा जिसे वह जल्द ही रिफंड करने वाले थे। फाइनेंसियल हैकिंग का शिकार हुए ब्रिटेन कंपनी के सीईओ को कभी भी पैसे वापस नहीं मिले।

 

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इस मामले के सामने आने के बाद कुछ टेक विशेषज्ञों ने बताया है कि ये हैकर्स हैकिंग और जालसाजी के लिए AI आधारित वॉयस जेनरेटिंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं। ये सॉफ्टवेयर इतने एनहैंस्ड हैं कि यह किसी की भी आवाज़ की नकल करते हैं तो उसे पहचानना असंभव है। जांच एजेंसियां इस धोखाधड़ी की जांच कर रही है लेकिन उन्हें अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। हालांकि, इस धोखाधड़ी में जिस फर्म के पैसे उड़ा लिए गए थे , उसे बीमा कंपनी ने भर दिया है।


Edited by:Harsh Pandey

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