क्रोम ब्राउजर के नए वर्जन में मिलेगा सिक्योर फीचर, दिखेगा ‘Not Secure’ का लेबल

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Wednesday, July 25, 2018-4:55 PM

नई दिल्लीः इंटरनेट की दुनिया में ना जाने कितनी वेबसाइट हैं जो असुरक्षित हैं और वे आपके जरूरी डाटा पर सेंध लगा सकती हैं। इससे बचाने के लिए गूगल क्रोम का नया वर्जन यानी Chrome 68 में सिक्योरिटी से जुड़ा एक खास फीचर मिल रहा है। ये नया अपडेट विंडोज, मैक और लिनक्स यूजर्स के लिए जारी किया जा रहा है। इस फीचर के तहत यूजर्स को तब वॉर्निंग दी जाएगी जब वो HTTP वेबसाइट पर विजिट करेंगे।

दिखेगा Not Secure का लेबल 
चूंकि HTTP वेबसाइट्स सिक्योरिटी के लिहाज से कमजोर होती हैं और ऐसी वेबसाइट पर विजिट करना संभावित खतरों वाला होता है। क्रोम के वर्जन 68 में अब सभी HTTP वेबसाइट्स के सामने ‘Not Secure’ का लेबल दिखेगा। यह ब्राउज़र के ऐड्रेस बार के लेफ्ट साइड में दिखेगा। नॉट सिक्योर लेबल के पीछे मकसद ये है कि ज्यादा से ज्यादा वेबसाइट्स HTTPS इस्तेमाल करना शुरू करें।

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गूगल के मुताबिक इसकी शुरूआत दो साल पहले की गई थी और तब से अब तक HTTPS ऐडोप्शन में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। टॉप – 100 वेबसाइट्स अब डिफॉल्ट HTTPS यूज करती हैं।

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क्या है HTTP और HTTPS
साधारण शब्दों में कहें तो HTTP का सिक्योर वर्जन HTTPS है। यहां S का मतलब सिक्योर है। जो भी वेबसाइट्स HTTPS यूज करती हैं उसके और ब्राउजर के बीच ट्रांसफर किया गया डेटा सिक्योर रहता है। मतलब ये है कि आपके और वेबसाइट के बीच किए जाने वाले सभी कम्यूनिकेशन एनक्रिप्टेड होते हैं।

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वेबसाइट HTTPS का इस्तेमाल करती है या नहीं ये जांचने के लिए वेब ब्राउजर के लेफ्ट साइड में URL से पहले पैडलॉक आइकॉन देखें। गूगल क्रोम ब्राउजर में ये आइकॉन ग्रीन होता है और इस पर क्लिक करके सर्टिफिकेशन भी देख सकते हैं। एन्क्रिप्शन कई लेवल की होती हैं आप इसकी भी जांच पैडलॉक आइकॉन पर क्लिक करके कर सकते हैं।

HTTPS यूज करने वाली वेबसाइट्स SSL सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करती हैं जिसे सिक्योर सॉकेट लेयर कहा जाता है। इसी वजह से वेब सर्वर और वेब ब्राउजर के बीच सिक्योर और एन्क्रिप्टेड कनेक्शन बनता है।

हो सकता है आपको खतरा
जिस वेबसाइट में HTTPS ना हो आप समझ लें कि वेब ब्राउजर और सर्वर के बीच का डेटा सिक्योर नहीं है और आपको खतरा हो सकता है। अगर आप HTTP वेबसाइट पर अपनी संवेदनशील जानकारियां दर्ज कर रहे हैं तो हैकर्स आसानी से उड़ा सकते हैं। इसलिए आपको HTTP वेबसाइट पर ऐसा करने से बचना चाहिए।


Edited by:jyoti choudhary

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