Saturday, August 17, 2019-3:47 PM
ऑटो डेस्क : देश में जावा मोटरसाइकिल की बिक्री फिर से शुरू हो गई है। प्री-बुकिंग करने वाले ग्राहकों को अभी भी अपनी बाइक की डिलीवरी का बेसब्री से इंतज़ार है। लेकिन यह बाइक कंपनी कुछ अन्य वजहों के कारण इन दिनों ऑटो जगत में चर्चा का मुद्दा बन गई है। एक ऐसा केस हुआ है जहाँ जावा के एक डीलर ने ग्राहक के साथ नाइंसाफी की हद पार कर दी है। जानिये क्या हुआ इस केस में .......
जावा डीलर ने ग्राहक से कर डाला अनर्थ
स्त्रोत : रशलेन (Rushlane)
अभी हाल ही में एक व्यक्ति ने जावा डीलर से एक क्लासिक ड्यूल एबीएस वेरियंट बाइक खरीदी थी। डीलर ने ग्राहक के बिल में हैंडलिंग , फिटिंग सहित अन्य चीज़ो के दाम एक्स्ट्रा चार्ज के नाम पर जोड़ दिए थे। जबकि सच यह है कि देश में हैंडलिंग के नाम पर कोई चार्ज नहीं लगाया जाता है और यह गैर-कानूनी है। यह जानते हुए भी अधिक के मुनाफे में डीलरशिप ओनर ने यह अतिरिक्त चार्ज टोटल बिल में जोड़ दिया।
जब ग्राहक ने इस पर सवाल किया तो उन्हें डीलरशिप द्वारा बताया गया कि यह आरटीओ एजेंट की फीस और पीडीआई प्री डिलवरी फीस को जोड़कर लगाया गया चार्ज है। फिर क्या था , ग्राहक ने बिल में जोड़े गए इस पर्टिकुलर पर आपत्ति जताते हुए बिल की कॉपी अपलोड करते हुए ट्विटर पर अपनी शिकायत पोस्ट कर दी जिसमे कंपनी के सीईओ को भी टैग कर दिया गया था।
कंपनी के सीईओ तक पहुँचते ही कंपनी द्वारा तत्काल कार्यवाही आरम्भ हो गई। जल्द ही ग्राहक को कंपनी के साउथ इंडिया आरजीएम और एमडी की कॉल आई जिसमे उनसे माफ़ी माँगते हुए फाइनल बिल से हैंडलिंग सहित अन्य चार्ज को हटाए जाने की सूचना दी गई। कंपनी ने बिल में कुल 9 हज़ार की कटौती करते हुए उसकी ऑन रोड कीमत 2,07,336 कर दी।
इसकी जानकारी देते हुए ग्राहक ने ट्विटर पर सभी को समर्थन करने वालों को शुक्रिया कहा। दरअसल मसला यह है कि जावा कंपनी को लेट डिलवरी के चलते आये दिन ग्राहकों के रोष और घोर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। यदि कंपनी ने इसमें दुरुस्तगी नहीं लाई तो आने वाले समय में मार्किट में उसकी साख पर बट्टा लगना तय है।
Edited by:Harsh Pandey