अब हाईवे पर ट्रैफिक व सड़क हादसे का पता लगाएंगे ड्रोन्स

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Friday, June 22, 2018-5:34 PM

- सड़क हादसा होने पर तुरंत एक्शन लेने में करेंगे मदद

जालंधर : ड्रोन्स का दुनिया भर में सबसे ज्यादा उपयोग फोटोग्राफर बेहतरीन शॉट्स क्लिक करने के लिए करते हैं, लेकिन जल्द ही इन्हें हाईवे पर ट्रैफिक व सड़क हादसे का पता लगाने में भी उपयोग में लाया जाएगा। अमरीका में स्थित ओहियो डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसपोर्टेशन ने ड्रोन्स के जरिए सड़क पर निगरानी बनाए रखने के लिए ओहियो स्टेर्ट यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजनियरिंग के साथ 6 मिलियन डॉलर का प्रोजैक्ट साइन किया है। इस प्रोजैक्ट को अंजाम देने के लिए एक ओहियो डिवीजन नामक ड्राइव बनाई गई है जो ड्रोन्स का उपयोग यातायात को मैनेज करने के लिए करेगी। इस दौरान वाहनों से 400 फीट ऊपर ड्रोन उड़ेगा और ट्रैफिक के दौरान इसकी जड़ व इससे कैसे निकलना है इसका सुझाव देने में भी मदद करेगा। 

 

इस रूट पर सबसे पहले शुरू होगी ड्रोन मॉनिटरिंग

इसे सबसे पहले ओहियो के हाइवे रूट U.S. Route 33 पर शुरू किया जाएगा और 35 मील (लगभग 56 किलोमीटर) की दूरी तक ये ड्रोन्स सड़क को मानीटर करेंगे। हाईवे पर वैसे तो ग्राउंड बेस्ड कैमरों को लगाया गया है लेकिन यह कम दूरी तक ही ट्रैफिक को मानीटर करते हैं जिस वजह से अब ड्रोन्स के जरिए निगरानी करने में काफी मदद मिलेगी।

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इस तरह काम करेगी यह तकनीक

निर्धारित किए गए प्लान के मुताबिक इस सिस्टम में ड्रोन्स सड़क से जुड़ा पूरा डाटा ओहियो डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसपोर्टेशन के ट्रैफिक मैनेजमेंट सैंटर तक भेजेंगे। यहां इस डाटा का आकलन किया जाएगा और, यदि आवश्यक हो, तो यातायात को बरकरार रखने के लिए एक्शन भी यहीं से दिया जाएगा। इसके अलावा ग्राउंड बेस्ड कैमरों को भी ऑपरेट किया जाएगा जिससे विस्तार से पता लगाने में मदद मिलेगी कि आखिर सड़क पर हुआ क्या है।

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ओहियो स्टेट के प्रोफैसर और एयरोस्पेस रिसर्च सैंटर के डायरैक्टर जिम ग्रैगरी ने दावा किया है कि इस सकारात्मक सोच से सुरक्षा से जुड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने में काफी मदद मिलेगी। हम इस पर मिल कर काम कर रहे हैं और चाहते हैं कि यह तकनीक सुरक्षित तरीके से काम करे। ड्राइव ओहिओ डिवीजन के मुताबिक ड्रोन्स के जरिए ट्रैफिक के दौरान यातायात को बनाए रखने व ड्राइवर्स तक सही निर्णय सूचित करने में काफी सहायता मिलेगी। इसके अलावा रास्ते में दुर्घटना होने पर इनके जरिए लोगों को अलग रूट से जाने की भी जानकारी दी जा सकेगी जिससे ट्रैफिक को हाईवे पर आसानी से मैनेज किया जा सकेगा। 
 


Edited by:Hitesh

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