Monday, October 7, 2019-5:06 PM
गैजेट डेस्क : साइबर क्राइम की तेजी से बढ़ती वारदातो में हैकर्स द्वारा नए-नए तरीके अपनाये जा रहे हैं। अपने साइबर अटैक्स के जरिये आप यूजर्स का निजी डेटा और यहाँ तक कि पैसा भी सुरक्षित नहीं है। अब KYC (Know Your Customer) के नाम पर लोगों के बैंक खाते खाली किये जा रहे हैं। रिमोट एक्सेस ऐप्स को लोगों के मोबाइल पर KYC के नाम डाउनलोड कराया जा रहा है। एक बार यदि यह ऐप किसी शख्स ने डाउनलोड कर लिया तो फिर इन ऐप्स के माध्यम से मोबाइल रिमोट सर्वर पर लेते ही यूजर के बैंक खाते से पैसे उड़ा लिए जा रहे हैं।
बेंगलुरु में आये कई मामले सामने
बेंगलुरु ने KYC स्कैम के कई मामलो पर कार्यवाही की है और उसका कहना है कि यह समस्या काफी बड़ी है क्योंकि कई लोग अक्सर ऐसे मामलो में पुलिस को संपर्क कर एफआईआर भी दर्ज नहीं करवाते है। KYC स्कैम में फॅसने वाले सिर्फ आम आदमी ही नहीं बल्कि टेक्नोलॉजी क्षेत्र से जुड़े लोग जैसे इंजीनियर भी शामिल है। जानकारी के लिए बता दें कि केवाईसी अपने ग्राहकों की पहचान की पुष्टि के लिए बैंक की एक जानकरी लेने की प्रक्रिया है। भारतीय रिज़र्व बैंक के द्वारा बैंकों के लिए ग्राहकों से केवाईसी भरवाना अनिवार्य किया गया है।
KYC स्कैम इस तरह होता है
KYC स्कैम इस तरह अंजाम दी जाती है जिससे यूजर को भनक भी नहीं लगती कि उसके साथ कुछ गलत हुआ है। सबसे पहले उनके पास एक कॉल आती है और बैंक फ्रॉड कॉल की तरह उनसे कॉलर कहता है कि वह इस बैंक या डिजिटल पेमेंट सर्विस से बात कर रहा है। यूजर से कहा जाता है कि उसको अपना KYC अपडेट करना होगा नहीं तो वह ट्रांजैक्शन नहीं कर पायेगा।
यदि यूजर अपने KYC अपडेट करने की प्रक्रिया के बारे में पूछता है तो उनसे यह एक ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा जाता है। जैसे ही यूजर वह रिमोट एक्सेस ऐप डाउनलोड कर के कॉलर के मुताबिक कुछ परमिशन ऐप को दे देता है तो उसके बाद यूजर के मोबाइल का डायरेक्ट कण्ट्रोल कॉलर के पास चला जाता है।
फिर यूजर से कहा जाता है कि वह खुद से 1 रुपये का ट्रांजैक्शन कर के चेक कर लें कि KYC अपडेट की प्रक्रिया पूरी हुई है या नहीं। यूजर जैसे ही ट्रांजैक्शन करता है उसके फोन को हैक कर के कॉलर जो एक हैकर है यूजर की सारी जानकारी हासिल कर के उसके बैंक अकाउंट से सारे पैसे उड़ा लेता है। ऐसे फ्रॉड कॉल के जरिये होने वाले साइबर क्राइम से बचने के लिए यूजर कभी भी किसी अनजान ऐप को डाउनलोड न करें, अपनी निजी जानकारी किसी से भी साझा न करें और अनचाही कॉल का जवाब न दें। ऐसे मामलो में शक होने पर पुलिस डिपार्टमेंट के साइबर सेल पर शिकायत की जा सकती है।
Edited by:Harsh Pandey